लखनऊ के एसीपी क्राइम नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि बृजमोहन, रेलवे अफसर पुनीत कुमार का भरोसेमंद नौकर था. बृजमोहन को पता था कि घर में काफी कैश रखा हुआ है. कैश को चुराने का प्लान बृजमोहन ने अपने भांजे फिरोजाबाद निवासी बहादुर के साथ मिलकर बनाया. प्लान के मुताबिक 26 मार्च की दोपहर बहादुर अपने 5 साथियों के संग पुनीत कुमार के फ्लैट में आया. ताला तोड़कर सारी रकम निकाल ली और पूरी वारदात को लूट का रंग देने के लिए अपने मामा बृजमोहन के हाथ पाव हाथ-पांव बांध दिए लेकिन उसी वक्त बहादुर और उसके साथियों का मन भारी रकम को देखकर डोल गया. उन लोगों को लगा कि इस रकम का एक बड़ा हिस्सा बृजमोहन को भी देना पड़ेगा. बृजमोहन को मार दिया जाये जाए तो वह हिस्सा भी आपस में बांट लिया जाएगा और वारदात का कभी खुलासा नहीं होगा. लिहाजा बहादुर ने अपने साथियों के साथ मिलकर अपने ही मामा को मार दिया.
पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा कर दिया है. पुलिस ने मैनपुरी के तीरथ कुमार, उसकी पत्नी निशा, मोहन सिंह, उदय राज उर्फ उदयवीर को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों के कब्जे से 70 लाख रुपए भी बरामद हो गए लेकिन बहादुर और उसके दो साथी अब भी फरार हैं. हालांकि इस पूरी वारदात में अचंभा एक बात पर सबको हो रहा है कि रेलवे अधिकारी के घर में इतनी बड़ी रकम कहां से आई.