आये दिन हो रही है हाई टेंशन लाइन के कारण दुर्घटनाए
मुंबई। उपनगर के मानखुर्द मंडाला झोपड़पट्टी में प्रति वर्ष हाई टेंशन तारों के कारण दुर्घटनाओं में वृद्धि हो रही हैं।उसके बाद भी सरकार या मनपा की ओर से यहाँ के रहिवासियों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा था।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पच्चास हजार से अधिक जनसंख्या वाली झोपड़पट्टी मानखुर्द मंडाला हाई टेंशन वायर के नीचे बसी हुई है। रहिवासियों के अनुसार दो दशक पूर्व यहाँ के अधिकांश झोपड़े एक मंजिला ही थे।लेकिन जैसे जैसे सड़के और गलियां ऊँची बनाई जाने लगी लोगों ने भी अपने घर दो से तीन मंजिला बनाना शुरू कर दिया।जिसके कारण हाई टेंशन वायर और घरों के छतों की ऊंचाई काफी करीब होने सेदुर्घटनाएं भी बढ़ती जा रही है ।
जानकारों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से मानखुर्द मंडाला झोपड़पट्टियों में हाई टेंशन लाइन के हाई वोल्टेज नंगे तारों के करंट की चपेट में आकर दुर्घटनाओ के शिकार हो रहे हैं।स्थानिय लोगों ने मनपा और जनप्रतिनिधियों पर आक्रोश व्यक्त करते हुए इस गम्भीर समस्या के प्रति अनदेखा किये जाने का आरोप लगायाहै। परिणाम स्वरूप उपेक्षा की शिकार जनता को मौत से दो-दो हाथ करने को मजबूर होना पड़ रहा है।
कैसे घटित हो रही है दुर्घटनाएं?
बताया जाता है कि एक सप्ताह के भीतर मनपा एम/पूर्व के वार्ड क्रमांक.135 जब अडानी बिजली कंपनी का खुदाई कार्य शुरू था कि अचानक एक झोपड़े की छत से विस्फोट हो गया और आग लग गई झोपड़े के भीतर मौजूद नागरिक गंभीर हालत में जल गये । इसी तरह बरसात में हर वर्ष हाई टेंशन लाइन के बिजली के तारों का प्रवाह इतना बढ़ जाता होता है कि तारों के नीचे से छाते लेकर गुजरने वालों को भी करंट लगने की घटना हुआ करती है।
नागरिकों के अनुसार आखिर कब तक यहां के झूलते हाई टेंशन नंगे तारों की बलि चढ़ती रहेगी जनता ।क्योंकि प्रशासन और ,जन प्रतिनिधि गूंगे अंधे, बहरे हो चुके है । इतना ही नही कुछ दिन पहले मानखुर्द यशवंत नगर में भी शार्ट सर्किट के कारण आग से 6 झोपड़े पूरी तरह से जलने का मामला प्रकाश में आया था।
वही जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता और ब्लॉक कांग्रेस139 के अध्यक्ष तात्या साहेब वाघमारे ने बताया कि हाई टेंशन तारों के कारण रहिवासी इलाके मानखुर्द मंडाला में हर साल कुछ न कुछ दुर्घटनाए हो रही है।ऐसे में सरकार और मनपा को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है या तो हाई टेंशन लाइन के मार्ग को बदला जाए या फिर उन तारों के इर्द गिर्द बसे झोपड़ों का पुनर्वसन कराया जाय।तात्या वाघमारे ने शासन और प्रशासन से इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने की मांग की है।