आरोपी कोर्ट से बरी
मुंबई: सेशन कोर्ट ने एक ऐसे आरोपी व्यक्ति को बरी कर दिया है, जिसने 2022 में 5000 रुपये के लिए अपने ही नाना की हत्या कर दी थी. कोर्ट ने माना कि अभियोजन पक्ष के मामले की सत्यता पर संदेह है और इसका लाभ आरोपी को दिया जाना चाहिए. एडिशनल सेशन जज एनपी त्रिभुवन ने आरोपी को बरी करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा पेश सुबूत आरोपी के अपराध को स्थापित नहीं करता है क्योंकि जिन परिस्थितियों से अपराध का अनुमान लगाया जा रहा है, वह ठोस नहीं नजर आ रहा है. ये नहीं तय हो पा रहा है कि अपराध आरोपी ने किया है, या फिर किसी और व्यक्ति ने किया.
अभियोजन पक्ष का मामला यह था कि पीड़ित लक्ष्मण घुगे एक रिटायर्ड BEST बस कंडक्टर थे, जो वडाला में रहते थे. आरोपी सुशांत को सिगरेट पीने की लत थी और वह अपने नाना-नानी से पैसे की मांगने की कोशिश इस हद तक करता था कि अगर उसे पैसे नहीं मिलते, तो वह झगड़ा करता था.
फरवरी, 2022 को नेरुल में आरोपी की दादी अपनी बेटी के साथ रहने के लिए गईं, जबकि सुशांत ने वडाला में अपने नाना के साथ रहने का विकल्प चुना. अगले दिन जब दादी लौटीं तो उन्होंने देखा कि दरवाजे पर ताला लगा है, लेकिन चाबी पास में ही पड़ी थी. इसके बाद उन्होंने घर खोलकर देखा तो उन्होंने अपने पति को खून में लथपथ पाया.
पड़ोसियों ने महिला को बताया कि उन्होंने नाना और सुशांत के बीच झगड़े और काफी शोर-शराबे की आवाजें सुनी थीं, लेकिन यह रोजाना की बात थी, इसलिए उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया. सुशांत की दादी उसका पता नहीं लगा पाईं और पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई गई.
कोर्ट में, सहायक लोक अभियोजक रंजना बुधवंत ने तर्क दिया कि मामला परिस्थिति से जुड़े साक्ष्य पर आधारित है और गवाहों के साक्ष्य से कई परिस्थितियां नजर आती हैं, जो मेडिकल एविडेंस और अन्य साक्ष्य से जुड़ी हुई हैं. उन्होंने आगे कहा कि घटना के वक्त, केवल आरोपी और मृतक ही घर में मौजूद थे. जांच अधिकारी ने घटना स्थल से लकड़ी बरामद की है. लकड़ी पर खून के धब्बे हैं और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में आरोपी ने स्वीकार किया है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक व्यक्ति की मौत हत्या है.
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