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हिंदी सेवी डॉ. सुशीला गुप्‍ता नहीं रहीं

मुंबई। सुप्रसिद्ध हिंदी सेवी और हिंदुस्‍तानी प्रचार सभा की विशेष कार्य अधिकारी रहीं डॉ. सुशीला गुप्‍ता का लंबी बीमारी के बाद डिग्निटी फाउंडेशन, नेरल (जहॉं वे रह रहीं थीं) निधन हो गया । 22 पुस्‍तकों की लेखिका और कई पुस्‍तकों की अनुवादक रहीं डॉ. गुप्‍ता ने अखिल भारतीय स्‍तर पर पहली बार हिंदी-अंग्रेजी क्रिया-कोश का संपादन भी किया था । कई पुरस्‍कारों से नवाजी गई डॉ.गुप्‍ता ने विदेशों में भी हिंदी की ज्‍योत जलाई, विशेषकर विश्‍व हिंदी सम्‍मेलनों में भागीदारी की और प्रपत्र वाचन किया । उन्‍हें हिंदी की अलख जगाती 100 लेखिकाओं में ‘द संडे इंडियन’ ने सम्मिलित किया था । उन्‍हें सर्वश्रेष्‍ठ शिक्षिका का सम्‍मान भी मिला था । हिंदी सेवी कई संस्‍थाओं की मिलकर बनी ‘राष्‍ट्रभाषा महासंघ’ की वे अध्‍यक्ष रहीं । उनके निधन पर महासंघ के महेश अग्रवाल, डॉ. अनंत मेघा श्रीमाली, सरोजिनी जैन, रामविचार यादव, माधुरी बाजपेयी, कुसुम त्रिपाठी, राजीव नौटियाल, मंजू पांडेय, लल्‍लन यादव, वासंती वैद्य आदि ने गहरा शोक व्‍यक्‍त किया है ।


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