top of page
Writer's pictureBB News Live

मुंबई में झोपड़ों की ऊंचाई बढ़ाने की मांग



मुम्बई। पिछले चार दशक से मुंबई मनपा अधिनियम के तहत झोपड़पट्टी बाहुल्य इलाकों में झोपड़ों की ऊंचाई मात्र 14फीट कानूनी रूप से तय की गई है। चालीस साल बीत जाने के बावजूद मनपा द्वारा झोपड़ों की ऊंचाई बढ़ाने के लिए कोई प्रस्ताव अभी तक पारित नहीं किया है। जबकि लंबे समय से बैठी चाल कानून के तहत 14फीट ऊंचाई की जगह 20फीट की मंजूरी देने की मांग की जा रही है।                         


बता दें कि पूर्वी तथा पश्चिम उपनगर के अंतर्गत आने वाली अनेक झोपड़पट्टियां निचले भागों में बसी हुई हैं। जिसके कारण हर बरसात में निचले इलाकों में बसी झोपड़पट्टियों में जलजमाव हुआ करता है। अनेक जगहों पर तो बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है। ऐसे में बड़ी संख्या में झोपड़ा वासियों को आसपास की इमारतों में शरण लेनी पड़ती है। जिससे गरीबों को बहुत ही आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है। गौरतलब है कि 26जुलाई 2005की भारी बरसात में अनेक निचले इलाकों में बाढ़ आने से काफी लोगों की मौत हो गई थी।


भाजपा उत्तर पश्चिम  अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष हुसेन पठाण ने कहा कि यदि झोपड़ों की ऊंचाई 14फीट  की जगह 20, फीट की मंजूरी मनपा प्रशासन की ओर से दी गई तो निचले इलाकों में झोपड़ों की ऊंचाई बढ़ाने पर झोपड़पट्टियों में जलजमाव की समस्या नहीं होगी और झोपड़ों में रहने वाले लोगों को राहत मिलेगी। भाजपा नेता हुसैन पठाण ने यह भी बताया कि यदि गरीब आदमी अपने झोपड़े को 14फीट से अधिक ऊंचा बनाता है तो मनपा उन्हें तोड़ने की धमकी देती है और तरह तरह के कानून बताती है जबकि  उपनगर के अनेक इलाकों विशेषकर साकीनाका, कुर्ला , गोवंडी, मानखुर्द के इलाकों में भूमाफियों द्वारा मनपा और कलेक्टर विभाग की मिली भगत से तीन तीन मंजिला मकान खड़ा कर देते हैं। फिर गरीबों के साथ ही अन्याय क्यों ? हुसैन पठान ने मनपा और कलेक्टर विभाग के अधिकारियों से मांग की है कि झोपड़ों की ऊंचाई 14फीट से 20फीट बढ़ाई जाय। जिससे की निचले इलाकों में लोगों को राहत मिल सके।

Comments


bottom of page