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अवैध रिक्शा स्टैंड को किसका संरक्षण

जनता परेशान व हैरान


मुंबई। घाटकोपर पूर्व रमाबाई कॉलोनी के अपोजिट भुआरी मार्ग के बाहर अवैध रूप से रांग साइट से आकर बस स्टॉप पर खड़े होकर 4-5 सवारी लेकर स्टेशन जाने वाले दबंग रिक्शा चालको को किसका संरक्षण है ! ऐसा सवाल रमाबाई कॉलोनी व उक्त बस स्टॉप पर खड़ी जनता के बीच है।जिसके चलते विक्रोली ट्रैफिक पुलिस उन रिक्शा चालको के खिलाफ कार्यवाई करने से कतरा रही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रमाबाई से घाटकोपर डिपो की तरफ जाने वाले बस स्टॉप पर हमेशा रांग साइट से आकर 4-5 सवारी भरकर घाटकोपर के लिए दबंग रिक्शा चालको की भीड़ लगती है।उक्त रिक्शा चालको में से आधे से जादे रिक्शा चालको के पास ना तो लायसेंस बैच रिक्शे के परमिट भी नहीं होते है।इसके अलावा 90 प्रतिशत लोग बिना वर्दी के रहते हैं।पुलिस सूत्र बताते हैं की उन रिक्शा चालको को इसलिए संरक्षण मिल रहा है क्योंकि प्रभारी पुलिस निरीक्षक (विक्रोली ट्रैफिक) की देखरेख में हमेशा वहा बैठ कर एक ट्रैफिक पुलिस कर्मी सिर्फ व सिर्फ ट्रिप के हिसाब से वसूली करने का काम करता है।कभी कभी तो मौके पर तैनात पुलिस कर्मी बाकायदा ट्रिप के हिसाब से पैसा लेता हुआ देखा भी जाता है।अब सवाल यह उठता है की क्या उन रिक्शा चालको को यहां के प्रभारी पुलिस निरीक्षक का ही संरक्षण है क्या ? या फिर उनके किसी वसुलीबाज का वरदहस्त है जिसके चलते उन रिक्शा चालको के हौसले बुलन्द है।इस मामले को लेकर जब बस स्टॉप पर खड़े कई यात्रिओ से बातचीत की गई तो उनका कहना था की रांग साइट से बेधड़क बस स्टॉप पर खड़े यात्रिओ के जीवन को धोखा निर्माण करने वाले रिक्शा चालको को सिर्फ व सिर्फ विक्रोली ट्रैफिक पुलिस का ही संरक्षण है।संतोष वाघ व वैभव नामक युवको ने बताया की यहां के रिक्शा चालको में से एक रिक्शा चालक उन सैकड़ो रिक्शा वालो से ट्रिप के हिसाब से वसूली करता है।जो पैसा यहां के उच्च अधिकारियो तक जाता है।इसलिए उन रिक्शा चालको पर ट्रैफिक पुलिस मेहरबान है।इस संदर्भ में तीन चार ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों से जब इस संदर्भ में बात की गई तो उनका कहना था जब से यहां यह प्रभारी पुलिस निरीक्षक कार्यरत हुआ है तब से यहां कार्यरत लगभग सभी ट्रैफिक पुलिस कर्मचारी त्रस्त है।जिसकी अनेक शिकायत भी हुई है लेकिन किसी राजनेता के वरदहस्त के चलते वह यहां पैर जमाए बैठा हुआ है।जिस पर कड़क कार्यवाई होने की आवश्यकता है।इतना ही नहीं एक पुलिस कर्मचारी ने तो अपनी पत्नी के माध्यम से इस प्रभारी पुलिस निरीक्षक के खिलाफ सभी उच्च अधिकारियो तक शिकायत की लेकिन उसकी शिकायत पर उच्च अधिकारी ध्यान ही नहीं दिए जिससे उसके भी हौसले बुलन्द है।

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