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बेस्ट अंगीकृत डागा कंपनी में अंधा कारभार।


डीएम व प्रवर्तक के खिलाफ फैला आक्रोश।

मुंबई।

बेस्ट प्रशासन के अधीन चल रहे डागा कंपनी में आज कल अंधा कारभार चल रहा है।जिसके चलते घाटकोपर बेस्ट डिपो के अधीन कार्यरत डागा कंपनी के ड्राइवरों स्टाटरो में यहाँ के डीएम और प्रवर्तक के खिलाफ आक्रोश फ़ैल रहा है।और तो और ऐसा भी बताया जाता है की उन्ही दोनों के चलते अनेक ड्राइवर व स्टाटर अपना राजीनामा सौंप रहे हैं।

प्रात जानकारी के अनुसार घाटकोपर बेस्ट डिपो के अधीन एसएमटी-ए.टी.पी.एल. उर्फ़ डागा कंपनी में कार्यरत डीएम रोनाल्ड डिसोजा और प्रवर्तक जे.डी.यादव का पुरे डिपो में आतंक कायम हो चुका है।सूत्रो का कहना है डिसोजा खुद को इस कंपनी का मालिक समझ कर ड्राइवरों व स्टाटरो को हमेशा प्रताड़ित करने का काम करता है।किसी को भी तंग करते हुए उसकी बदली यहां से वहां करने के साथ साथ किसी को भी अपशब्द भाषा का उपयोग करके संबोधित करने का काम वह करता रहता है।यहां के एक ड्राइवर ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर हमे बताया की डिसोजा उसी की इज्जत करता है अथवा उसे अच्छे अच्छे रुट की गाड़ियां देता है जो उसे टेबल के नीचे से कुछ देता है अथवा उसके खाने पीने व गांव आने जाने का बंदोबस्त करता है।इतना ही वह जब तक किसी से कुछ खाता नहीं है तब तक उसे प्रताड़ित करते रहता है।जिसकी जानकारी कंपनी के मुख्य अधिकारी गावडे और सुरेश परब को भी है।बता दें की गत दिनों ही डिसोजा ने ही यहां के बेहद ही कर्तब्यनिष्ठ प्रवर्तक अमोल कुंकुले (पहलवान) की बदली मुलुंड डिपो में करवाई है।जिसको लेकर उसने अपना राजीनामा देने की ठान ली है।एक अन्य ड्राइवर ने हमे बताया की प्रवर्तक जे.डी. यादव द्वारा किये जा रहे अन्याय अत्याचार से तंग आकर अब तक दर्जनों लोग कंपनी से राजीनामा देकर बाहर जा चुके है।लोगो की मांग है की हेड ऑफिस के गावडे और सुरेश परब ऐसे लोगो को ही कंपनी से बाहर कर कंपनी की हो रही बदनामी को रोकड़े का काम करें अथवा इनके खिलाफ कोई शक्त कदम उठाकर इन्हें सबक सिखाएं।इस संदर्भ में जब डिसोजा से संपर्क किया गया तो वह बात करने को तैयार नहीं हुआ।बार बार फोन कट करने का काम किया है।

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