मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व महानिदेशक और आईपीएस अधिकारी संजय पांडे की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. संजय पांडे और उनके छह सहयोगियों के खिलाफ ठाणे नगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ है. उन पर वसूली और फर्जी केस दर्ज करने के आरोप लगाए गए हैं. संजय पांडे के खिलाफ व्यवसायी संजय पूनियमिया ने शिकायत दर्ज कराई थी. पैसे वसूलने और झूठे केस दर्ज करने के मामले में बुधवार को ठाणे के वागले यूनिट-5 अपराध शाखा में संजय पांडे से पूछताछ की जाएगी.
फर्जी दस्तावेज तैयार कर न्यायालय को गुमराह करने का आरोप
आरोप है कि मई 2021 से 30 जून 2024 के बीच दर्ज मामलों में आरोपियों ने पीड़ित को परेशान किया. आरोपियों ने ठाणे नगर पुलिस में 2016 में दर्ज एक केस की अवैध जांच की. शिकायतकर्ता पुनियमिया ने अपनी शिकायत में कहा है कि उन्हें और अन्य व्यवसायियों को झूठे केस की धमकी दी गई, पैसे वसूले गए और विशेष सरकारी वकील के रूप में फर्जी दस्तावेज तैयार कर न्यायालय को गुमराह करने की कोशिश की गई. ठाणे नगर पुलिस स्टेशन में 26 अगस्त 2024 को शिकायतकर्ता संजय पुनियमिया ने ईमेल के जरिए यह शिकायत दर्ज कराई थी. अपराध शाखा के उपायुक्त अमर सिंह जाधव इस मामले में गहराई से जांच कर रहे हैं.
विवादों से पुराना नाता
राज्य में महा विकास अघाड़ी सरकार के दौरान संजय पांडे मुंबई पुलिस कमिश्नर थे. वे एमवीए सरकार के दौरान रिटायर हुए. लेकिन इसी बीच, मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे को 19 जुलाई, 2022 को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने अपनी निजी फर्म के माध्यम से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कर्मचारियों के फोन अवैध रूप से टैप करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.
उन्हें पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और अन्य के खिलाफ जुलाई में दर्ज की गई एफआईआर में भी आरोपी बनाया गया है, जिसमें उन पर भाजपा नेता गिरीश महाजन को झूठे मामले में फंसाने की कोशिश करने का आरोप है, जब वे मुंबई के पुलिस कमिश्नर बनने से पहले महाराष्ट्र के डीजीपी थे.
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