बीएमसी ने क्यों लिया बड़ा फैसला
मुंबई : देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में अब सड़कों पर वड़ापाव नहीं मिलेगा, बीएमसी ने मुंबई की सड़कों से अतिक्रमण पूरी तरह से हटाने का फैसला लिया है। मुंबई के कांदिवली पूर्व के अनेकों इलाकों में फुटपाथ और सड़क पर अवैध फेरीवालों का कब्जा है। जिसे लेकर अब मनपा आर दक्षिण विभाग के सहाय्यक आयुक्त ललित तलेकर एक्शन मूड़ में आ चुके है। मनपा प्रशासन पिछले 3 दिनों से लगातार अवैध फेरीवालों पर कारवाई कर रही है। व बड़ी मात्रा में सामानों की जब्ती की जा रही है। मनपा सड़क फुटपाथों को हमेशा के लिए अतिक्रमण मुक्त कराने की दिशा में काम कर रही है।
स्वास्थ्य के प्रति हमेशा जागरूक रहने वाले लोगों का मानना है कि फुटपाथ पर बिकने वाले खाद्य पदार्थ की जांच कोई नहीं करता क्योंकि फुटपाथ-सड़क किनारे गंदे पानी से गंदगी में नाश्ता, खाना बनाया जाता है। सड़क पर उड़ने वाली धूल मिट्टी उन्हीं खाद्य पदार्थों पर जाकर बैठ जाती है। जिसे खाने से शरीर में फूड पॉइजन फैलने का खतरा बना रहता है। मानसून में इस तरह कि बीमारी का खतरा और भी बढ़ जाता है। ऐसे में मनपा की कारवाई बहुत ही सराहनीय है। तो वहीं मनपा की कारवाई को लेकर फुटपाथ विक्रेताओं में अपने रोजगार को लेकर चिंता बनी हुई है। लेकिन स्थानीय नागरिकों द्वारा फेरीवालों के धंधों का विरोध भी किया जा रहा है।
स्थानीय पूर्व नगरसेविका ने बताया, अवैध हॉकर्स की आड़ में गुंडे अपना रोजगार चला रहे है, हर रोज एक नया हॉकर्स की दुकान सड़क पर तैयार हो जाती है। दुकानदारों के लिए 10 बजे तक का टाइम लिमिट है, परन्तु हॉकर्स रात के 2 बजे तक अपनी दुकान सड़क पर चलाते है। जिनकी वजह से अपराधिक घटनाएं बढ़ रही है, ट्रैफिक जाम की समस्या होती है। ऐसे में पुलिस और मनपा प्रशासन को प्रतिदिन कार्रवाई करने की जरूरत है।
व्यापारी का कहना है कि हम हर तरह के लाइसेंस लेकर अपनी दुकान का टैक्स भरकर अपनी दुकान चलाते हैं। हम लोगों के लिए पुलिस मनपा ने समय बनाया है, लेकिन फुटपाथ सड़क पर फेरीवाले, गुंडों के संरक्षण में बिना सरकार को टैक्स दिए बिना किसी खाद्य लाइसेंस के सामग्री को बेचते हैं, फ्री की लाइट फ्री का पानी का उपयोग करते हैं। जिसका भार आम जनता को चुकाना पड़ता है। ऐसे मनपा की कार्रवाई अत्यधिक सराहनीय है।
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