नासिक: केंद्र सरकार द्वारा प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के कुछ हफ्ते बाद महाराष्ट्र के थोक बाजारों में प्याज की कीमतों में तेजी से गिरावट आई है जिससे प्याज उत्पादकों में नाराजगी देखी जा रही है। व्यापारियों का कहना है कि जनवरी में कीमतें कम ही रहेंगी और सभी महत्वपूर्ण रबी फसल की बुआई भी प्रभावित हो सकती है।
नासिक के एक किसान नेता दीपक पगार ने कहा कि अगर निर्यात से प्रतिबंध खत्म नहीं किया गया तो किसान 1 जनवरी से थोक बाजारों में प्याज बेचना बंद कर देंगे, जिसका असर आम जनता पर फिर से पड़ने लगेगा। नए साल में सरकार और प्याज के किसानों के बीच इस तरह की खीचतान से आम लोगों को प्याज की कीमतें परेशान कर सकती है।
20 दिन में आधे हुए दाम शुक्रवार को नासिक जिले के निफाड तहसील के लासलगांव थोक बाजार में प्याज का औसत कारोबार मूल्य 1,850 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया। देश के सबसे बड़े प्याज बाजार में 1 दिसंबर को जब थोक बाजार में प्याज का कारोबार 3,800 रुपये प्रति क्विंटल था तब से कीमतों में 52% की गिरावट आई है ।
लासलगांव में प्याज की कीमतें 5 दिसंबर को साल के उच्चतम स्तर 4,000 रुपये पर पहुंच गईं। कीमतों में गिरावट 8 दिसंबर से शुरू हुई जब केंद्र सरकार ने 31 मार्च, 2024 तक निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया।
करोड़ों का नुकसान प्रतिबंध के कारण प्याज व्यवसाय को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। लगभग 400 कंटेनर (प्रत्येक में 22 टन प्याज) निर्यात के लिए पारगमन के विभिन्न चरणों में थे लेकिन प्रतिबंध के कारण वे रोक दिए गए। इससे बहुत सारा प्याज डंप हो गया है और थोक बाजार में इसका असर दिखाई दे रहा है, कीमतें कम होने से अगले साल होने वाली फसल पर भी असर पड़ेगा और किसान इसकी खेती कम कर सकते है।
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