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स्वास्थ्य या नाला,सर सलामत तो पगड़ी हजार

चीता कैंप के निवासियो को किसकी जरूरत


मुंबई। मुंबई उपनगर के चीताकैंप में आज कल स्थानीय पूर्व नगरसेवक द्वारा आम जनता के पैसो की लूट शुरू। स्वास्थय सेवा से जुड़े कार्यो को नजरअंदाज कर छोटे मोटे नालो की साफ़ सफाई व उनके रंग रोगन की आड़ में आम जनता के टेक्स के पैसो की बर्बादी की जा रही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार चिता कैंप के अलग अलग हिस्सों में कुल 106 नालो के दुरूस्तीकरण का काम शुरू है कुछ गलियो और नालो को इतना ऊंचा बनाया जा रहा है की लोगो के घर नीचे और गली व नाले ऊँचे हो जा रहे हैं।डी सेक्टर इलाके में रहने वाली 50 वर्षीय महिला फातिमा बी नवनिर्मित नालों की ऊंचाई के लिए नाला ठेकेदार को कोसती है,जिसके कारण उसका एक कमरे वाला कच्चा घर नीचा हो गया है।उसके घर के अंदर और बाहर की ऊंचाई में अंतर के कारण उसे घर से बाहर निकलने में कठिनाई होती है।जब हमने उनसे पूछा कि आपकी समस्या क्या है,तो वह अपनी कर्कश आवाज में कहती हैं कि उनकी अस्वीकृति के बावजूद ठेकेदारों ने संबंधित राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर जबरदस्ती नारियल तोड़ दिया और मरम्मत के लिए नाली खोदना शुरू कर दिया।

अब फुटपाथ की ऊंचाई और उसके घर की ऊंचाई में लगभग दो फीट का अंतर है। वह यह भी कहती है कि वह अपनी गली की मरम्मत न करने का विरोध करने वाली एकमात्र महिला नहीं थी।वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता राजा एडिन बारो के अनुसार 95 प्रतिशत नालो का काम घटिया गुणवत्ता का है और ठेकेदार ने काम जल्दबाजी में किया है शायद उसे सबसे पहले अपना बिल जमा करने की समय सीमा होगी।उनका कहना है की पूर्व नगरसेवको और विधायकों को दिया गया विशेष फंड है,जिन्होंने अपनी वफादारी एकनाथ शिंदे या भाजपा सहित अजीत पवार गुट के प्रति स्थानांतरित कर दी है।

वैसे मुंबई शहर के 227 में से केवल 31 नगर नगरसेवक व नगरसेविकाओ को ही शिंदे सरकार से अपने क्षेत्र में सुधार का तोहफा दिया है,बाकी खाली हाथ बैठे हुए हैं।श्री राजा कहना है कि इस चीता कैंप क्षेत्र में स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण है,मानव जीवन किसी भी अन्य चीज़ से कहीं अधिक मायने रखता है।श्री राजा ने यह भी बताया की हमने यहां 100 बेड वाले अस्पताल और एनआईसीयू की मांग की थी।जिसे तत्कालीन स्वास्थ्य अतिरिक्त आयुक्त सुरेश ककानी द्वारा सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया गया था।जिसके लिए लगभग 3 करोड़ का बजट जरूरी था।जिसके लिए एकमात्र बाधा निर्बाध बिजली आपूर्ति की थी।

और एनआईसीयू के लिए एक अलग ट्रांसफार्मर का निर्माण काम जरुरी था।श्री ककानी ने स्वास्थ्य अधिकारियों को उक्त एनआईसीयू के निर्माण के लिए एक व्यापक योजना के साथ काम करने का निर्देश दिया था उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि 100 बेड वाले अस्पताल की योजना पर बाद में चर्चा भी की जाएगी।एनआईसीयू परियोजना को आगे बढ़ाने का मुख्य कारण यह था कि एम पूर्व वार्ड की हद में बाल मृत्यु दर सबसे अधिक है।उनका आरोप है की स्थानीय विधायक शरद पवार का साथ छोड़ अजित पवार के साथ और स्थानीय पूर्व नागेस्वक एआईएमआईएम का साथ छोड़ शिंदे गट में शामिल हुआ है यह दोनों लोग केवल ठेकेदारो से कमीशन लेकर अपना उल्लू सीधा करने में ब्यस्त हैं।उन्हें जनता से कुछ भी लेना देना नहीं है।इसी लिए लोगो में उनके खिलाफ आक्रोश फ़ैल रहा है।

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